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ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?

ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?

What Is Trading Account In Hindi – व्यापार खाता क्या है?

Hello दोस्तों ! Accounting Seekho में आपका स्वागत है। आज के इस article में हम जानेंगे की Accounting में व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है? (What Is Trading Account In Accounting In Hindi) , Definition Of Trading Account In Hindi हम यह भी समझेंगे कि इसे कैसे बनाया जाता है? इसे बनाते वक़्त हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। इसके अलावा अलग-अलग topic से related बहोत से article पहले से ही हमारी website पर हैं, ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? आप चाहें तो उन्हें भी पढ़ कर अच्छे से समझ सकते हैं, तो आइये सबसे पहले जानते हैं Trading Account Meaning In Hindi के बारे में।

(What Is Trading ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? Account In Hindi ) – व्यापार खाता क्या है?

Trading Account business के Gross Profit या Gross Loss का पता लगाने के लिए बनाया जाता है। इसमें कितनी goods purchase की गई है? कितनी sell हुई हैं? यह सारी detail Trading Account में show की जाती है? इसके अलावा किसी भी company के वो सारे खर्चे जो directly business से related होते हैं या फिर raw material purchase करने के लिए किए जाते हैं, ये सारे खर्चे प्रत्यक्ष व्यय (Direct Expenses) कहलाते हैं।

What Is Trading Account In Hindi

(Definition Of Trading Account) – व्यापार खाता की परिभाषा?
According to J. R. Batliboi :-

“The Trading Account shows the results of buying and selling of goods. In preparing this account, the general establishment charges are ignored and only the transactions in goods are included.”

Trading Account दो हिस्सों में तैयार किया जाता है। left part डेबिट (Debit) और right part क्रेडिट (Credit) कहलाता है। Debit side में purchase और Credit Side में Sale को show किया जाता है और इस account का जो balance निकल कर आता है वह Debit या Credit दोनों तरह का हो सकता है।

इस account में Credit balance लाभ (Profit) को show करता है जबकि Debit balance हानि (Loss) को दिखाता है। यह Trading Account लाभ-हानि खाता (Profit And Loss Account) का ही एक part है। इस तरह इस account का जो title लिखा जाता है वह Trading And Profit And Loss Account” लिखा जाता है।

कभी-कभी Trading Account को Goods A/c’ भी कहा जाता है क्योंकि जितने भी goods से related transactions होते हैं वह सब इसमें ही record किये जाते हैं जैसे – Opening Stock, Purchase, Purchase Return, Sales, ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? Sales Return, Closing Stock इसके अलावा वो सारे expenses जो किसी goods की manufacturing के वक़्त incurred होते हैं। इस तरह इन सारे expenses को year के end में summarize करके Trading Account’ में record किया जाता है।

दोस्तों आज के इस article में इतना ही,उम्मीद करता हूँ आपको Meaning Of Trading Account In Hindi के बारे में समझ में आ गया होगा। इसे Facebook या Whatsapp के through अपने दोस्तों को भी Share करें। अगर आप Functions Of Accounting In Hindi या फिर Advantages of Accounting In Hindi के बारे में भी जानना चाहते हैं तो इस पर Click करके आप इसके बारे में भी अच्छे से समझ सकते हैं।

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ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?

You are currently viewing डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

  • Post author: Ankita Shukla
  • Post published: March 14, 2019
  • Post category: Gyan
  • Post comments: 0 Comments

नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Demat Account and Trading Account” अर्थात “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं जब भी हम एक ब्रोकर के जरिये अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो वो साथ में ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलते हैं. क्यूंकि बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर मार्किट में अपना काम आसानी से नहीं कर सकते हैं. लेकिन दोनों अकाउंट साथ में खुलने का अर्थ ये बिलकुल नहीं होता है कि दोनों अकाउंट समान कार्य करते हैं या ये दोनों अकाउंट समान है. दोस्तों आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पहले से समय में किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साधन उपलब्ध नहीं हुआ करते थे और यह समान स्थिति शेयर मार्किट के केस में भी थी. अर्थात जब भी पहले कोई भी कंपनी के शेयर को खरीदता था, तो उसे सर्टिफिकेट के रूप में एक कागज दिया जाता था, जिसपर व्यक्ति का नाम, शेयर की संख्या, तारीख, आदि लिखा रहता था. लेकिन अब वो समस्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये दूर हो गयी है अर्थात अब यदि आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अब आपको उसके लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है. बस कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के लेनदेन मतलब ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य होता है. यदि आपको शेयर मार्किट में अपना बिज़नेस करना है या शेयर का लेनदेन करना है, तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जिसके बिना ये संभव नहीं होता है.

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!

अब जैसा कि आपको समझ में आ गया होगा कि ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है तो बात अब डीमैट अकाउंट की करते हैं , यह अकाउंट भी शेयर मार्केट का ही एक भाग है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये हम शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। तब हमे उन उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए भी एक एकाउंट की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम डीमैट अकाउंट कहते है। जब हम कोई शेयर खरीद कर अपने पास रख लेते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेव ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? रहते है, और जब हम उन शेयर को बेचना चाहते हैं तो शेयर हमारे डीमैट अकाउंट से निकलकर ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से खरीदने वाले के पास चले जाते है।

Difference between Demat Account and Trading Account in Hindi | डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!

# ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों साथ में खोले जाने वाले अकाउंट होते हैं.

# ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा व बेचा जाता है और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को सुरक्षित संभाल कर रखा जाता है.

# ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता पहले पड़ती है और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता बाद में पड़ती है.

# जब हम शेयर मार्किट में शेयर खरीदते या बेचते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है और जब उन खरीदे शेयर को हम किसी अकाउंट में रखते हैं तो वो अकाउंट डीमैट अकाउंट होता है.

आशा हैं आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से कुछ लाभ अवश्य मिला होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई त्रुटि दिखाई दे, या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में हो. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद .

Ankita Shukla

✔️ izoozo.com Provide Hindi & English Content Writing Services @ low Cost ✔️अंकिता शुक्ला Oyehero.com की कंटेंट हेड हैं. जिन्होंने Oyehero.com में दी गयी सारी जानकारी खुद लिखी है. ये SEO से जुडी सारे तथ्य खुद हैंडल करती हैं. इनकी रूचि नई चीजों की खोज करने और उनको आप तक पहुंचाने में सबसे अधिक है. इन्हे 4.5 साल का SEO और 6.5 साल का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है !! नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आपको हमारे द्वारा लिखा गया ब्लॉग कैसा लगा. बताना ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? न भूले - धन्यवाद . !!

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों.

ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को

हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-

> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।

> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।

> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।

> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।

> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।

> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।

> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।

> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें।

> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।

> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।

> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।

> ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।

> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।

> पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।

> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।

> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।

> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।

डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।

Intraday Trading क्या है? | इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कैसे कमा सकते हैं?

Intraday Trading kya hai

दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदते और बेचते होंगे मतलब कि ट्रेडिंग का काम करते होंगे ट्रेडिंग कई तरह की होती है इनमे से एक इंट्राडे ट्रेडिंग होती है लेकिन क्या आपको पता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है और इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे होती है अगर नही, तो आइये आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी लेते है तो जो कैंडिडेट इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.

Intraday Trading kya hai

Table of Contents

Intraday ट्रेडिंग क्या होती है (What is Intraday Trading in Hindi)

जब कोई ट्रेडर शेयर मार्केट से शेयर्स को एक ही दिन में कम दाम में खरीद कर उसी ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? दिन उसे ज्यादा दामों में बेच देता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है. मतलब कि शेयर मार्किट में एक ही दिन के अन्दर शेयर को कम दाम पर खरीद कर ज्यादा दाम पे बेच कर प्रॉफिट लेने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा जाता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको डिमैट एकाउंट की जरूरत नही पड़ती है इसके लिए सिर्फ आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे?

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको Trading Account की जरुरत होती है क्योंकि आप बिना ट्रेडिंग अकाउंट के ट्रेडिंग नहीं कर सकते. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत नही होती है क्युकी इसमें आपको शेयर को होल्ड करके रखना नही होता है उसी दिन शेयर्स को खरीदना और बेचना होता है, जब आपको शेयर्स को होल्ड कर रखना होता है तब डिमैट अकाउंट की जरूरत होती है.

इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कैसे कमा सकते हैं?

इसका सबसे अच्छा उदाहरण आप 1 अगस्त के बिज़नस में देख सकते हैं आज एयरटेल में निवेश करने वाले काफी आगे जा चुके है और शेयर में 5 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ मिली है, दरअसल आज के टाइम में एजीआर इश्यू पर निवेशकों की नजर थी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया चुकाने के लिए टेलिकॉम कंपनियों को 10 साल का समय दिया है, जिसके बाद एयरटेल में 5 फीसदी की तेजी आई है और ऐसे ट्रेड का ध्यान रखना इंट्राडे या फिर डे ट्रेडर्स के लिए काफी जरूरी होता है.

एक्सपर्ट का मानना ये है कि शेयर मार्केट का ज्यादातर बिज़नस इंट्राडे ट्रेडिंग का ही होता है लेकिन फिर भी सावधानी के साथ ही इस बिज़नस करना बहत जरूरी है शेयर्स को खरीदने से पहले आपको मार्केट के ट्रेंड के बारे में जानना जरूरी होता है आपको मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं क्युकी ऐसा करने से आपको ट्रेडिंग बिज़नस में नुकसान हो सकता है. शेयर खरीदने के पहले शेयर्स का मूल्य तय कर लेना है और पूरी जानकारी लेने के बाद ही शेयर्स को खरीदना है.

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कितने पैसों की जरूरत पड़ती है?

अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है तो इसमें आप किसी शेयर में जितनी भी रकम चाहे लगा सकते है शेयर मार्केट का एक रूल होता है कि इसमें जिस दिन शेयर खरीदा जाता है उसी दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के अनुसार जिस दिन शेयर खरीदा जाता है उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद आपको पूरा पैसा देना होता है स्टार्टिंग में आपको शेयर के मूल्य का 30 फीसदी रकम का निवेश करना होता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग करने ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? के कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स –

एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनने के लिए आपको इन कुछ जरुरी बातो को ध्यान रखना है-

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको खरीदे गये शेयर्स को कभी होल्ड करके नही रखना है.
  • जब भी आप शेयर्स को खरीदे तो कभी भी एक ही शेयर पर बार बार ट्रेडिंग न करे .
  • अगर किसी दिन आपको ट्रेडिंग में मुनाफा ज्यादा हो तो उस दिन को लकी डे समझ कर ज्यादा ट्रेडिंग नही करना है.
  • कभी भी आपको ट्रेडिंग में एक साथ ज्यादा पैसा नही लगाना है.
  • अगर आप ट्रेडिंग का काम करते है तो कभी भी किसी भी व्यक्ति की सलाह लेकर ट्रेडिंग न करे अपना खुद का रिसर्च करने के बाद ही ट्रेडिंग करे.
  • अगर कोई कंपनी बंद है तो उसके शेयर्स न खरीदे, मतलब कि बंद हुई कंपनी के शेयर्स आपको नही खरीदना है.

इसे भी पढ़े?

आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (Intraday Trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको इंट्राडे ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (Intraday Trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और जो लोग इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है उनके साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

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