फोरेक्स के मूल बातें

डिविडेंड कब मिलता है?

डिविडेंड कब मिलता है?

बोनस शेयर से होता है फायदा या नुकसान? टैक्स समेत जानें सभी बातें

Bonus Share: भविष्य में रिज़र्व और सरप्लस में से ही कंपनी अपने निवेशकों के लिए अतिरिक्त शेयर जारी करती है, जिसे बोनस शेयर कहते हैं

  • Vijay Parmar
  • Updated On - June 15, 2021 / 12:22 PM IST

बोनस शेयर से होता है फायदा या नुकसान? टैक्स समेत जानें सभी बातें

कोई भी व्यक्ति एलआईसी न्यू जीवन आनंद पॉलिसी खरीद सकता है. इस पॉलिसी के तहत न्यूनतम मूल बीमा राशि एक लाख रुपये है. सम एश्योर्ड की कोई अधिकतम सीमा नहीं है

Bonus Share: 21 वर्षीय निखिल पंचाल ने पिछले वर्ष आरती इंडस्ट्रीज के शेयर खरीदे थे. स्पेशियालिटी केमिकल और फार्मा मैन्युफैक्‍चरिंग से जुड़ी इस कंपनी ने मई-2021 में 1:1 बोनस का ऐलान किया था.

निखिल शेयर मार्केट में नया है और वो जानना चाहता है कि बोनस शेयर क्या है, उससे फायदा होता है या नुकसान और क्या ये टैक्सेबल होते हैं?

बोनस शेयर क्या है?

जब किसी कंपनी को अपने व्यापार से अतिरिक्त लाभ होता है, तो उस लाभ की पूंजी में से एक हिस्सा कंपनी अपने रिजर्व और सरप्लस में सुरक्षित रखती है और भविष्य में रिज़र्व और सरप्लस में से ही कंपनी अपने निवेशकों के लिए अतिरिक्त शेयर जारी करती है, जिसे बोनस शेयर कहते हैं.

बोनस शेयर से कंपनी की नेट वर्थ में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होता है. क्योंकि बोनस शेयर बिलकुल फ्री होते हैं.

कब जारी होते हैं बोनस शेयर?

कंपनी हर साल बोनस शेयर जारी नहीं करती है. बल्कि कुछ खास मौकों पर ही जब कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही हो, कंपनी के रिज़र्व और सरप्लस काफी बढ़ चुके हो और कंपनी के शेयर की प्राइस भी बढ़ चुकी हो, तब कंपनी की शेयर कैपिटल बढ़ाने और शेयर की प्राइस कम करने के लिये बोनस शेयर जारी किये जाते हैं.

जितने शेयर पहले से उसी अनुपात में नये बोनस शेयर दिये जाते हैं

किसी निवेशक के पास जितने शेयर पहले से हैं, उसी के अनुपात में नये बोनस शेयर दिये जाते हैं. मान लीजिए, आपके पास XYZ कंपनी के 100 शेयर हैं और कंपनी प्रति दो शेयर के बदले में 1 (1:2 अनुपात) बोनस शेयर की घोषणा करती है.

यानी आपको 50 (100/2) बोनस शेयर मिलेंगे और आपके कुल शेयर की संख्या 150 हो जाएगी. अगर अनुपात 2:1 है, तो शेयरधारक को हर एक शेयर के बदले में दो और शेयर मिलते हैं.

मतलब कि निवेशक के पास 100 शेयर हैं, तो 200 और शेयर मिलेंगे और कुल शेयर 300 हो जाएंगे.

समझें इन तारीखों को

यह वह तारीख होती है जिस दिन कंपनी द्वारा बोनस देने की घोषणा की जाती है. यह वह तारीख होती है जिससे पहले अगर किसी निवेशक ने उस कंपनी के शेयर खरीदें होंगे, तो ही उसे बोनस शेयर दिया जायेगा.

यह वह तारीख होती है जिस दिन सभी निवेशकों के डिमेट अकाउंट में उस कंपनी के शेयर होना अनिवार्य है, जिनके अनुपात में कंपनी बोनस शेयर जारी करती है.

बोनस शेयर के फायदे

– बोनस शेयर मिलने से निवेशक के पास कंपनी के शेयर की संख्या बढ़ जाती है.

– जब कंपनी भविष्य में डिविडेंड का ऐलान करेगी तो बोनस शेयर के कारण आपको ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि डिविडेंड प्रति शेयर दिया जाता है.

– बोनस शेयर जारी होने से शेयर की कीमत कम हो जाती है ओर मार्केट में कंपनी के शेयर की लिक्विडिटी बढ़ती है.

– निवेशकों में कंपनी पर भरोसा बढ़ता है.

इतना लगता है टैक्‍स

बोनस शेयर पर 10% लांग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स और 15% शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स लगता है. ये दोनों टैक्स की अवधि बोनस शेयर जब आपके डिमेट खाते में जमा होते हैं, तब से गिनी जाती है.

मान लीजिए, आपने 1 जनवरी, 2020 में XYZ कंपनी के 100 शेयर खरीदे थे और कंपनी ने जुलाई 2020 में 1:1 अनुपात में बोनस शेयर जारी किये थे.

यदि आप जून 2021 में सारे शेयर बेच देते है, तो पिछले साल में आपने खरीदे हुए 100 शेयर पर LTCG टैक्स लगेगा. वहीं, फ्री में मिले 100 बोनस शेयर पर STCG टैक्स चुकाना पड़ेगा.

Dividend क्या होता है और कैसे मिलता है ?

कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का निवेश लाभ (investment profit ) कमाने के लिए करता है. लोग लाभ कमाने के लिए अलग-अलग स्कीम्स में अपने पैसे को निवेश करते हैं जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, FD आदि. जब किसी कंपनी या व्यवसाय में एक से अधिक लोग निवेश करते हैं. तो Dividend निवेश के अनुपात के अनुसार मिलता है. कंपनी शेयर धारकों अर्थात निवेश करने वालों को डिविडेंट तभी देती है जब उसे लाभ होता है. लाभांश (Dividend) कई प्रकार से दिया जाता है. इसे समझने के लिए सबसे पहले हमलोग जानते हैं की Dividend (लाभांश) क्या है?

क्या है डिविडेंट (What is Dividend)

अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब बताएंगे जिससे आने वाले दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.


कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को किये जाने वाले नकद भुगतान को लाभांश (Dividend) कहते है. अगर आप सामान्य स्टॉक के साथ प्रिफर्ड शेयरों में भी निवेश करते हैं तो आप लाभांश प्राप्त करने के हक़दार हैं. कंपनी के स्टॉक में निवेश करते समय आप लाभांश के भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.

जब आप सामान्य स्टॉक में निवेश करते हैं तो शेयरों की कीमत बढ़ने पर कंपनी लाभांश के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करती है, वहीं पसंदीदा या मुख्य (Preferred) स्टॉक में भुगतान एक पूर्व निर्धारित लाभांश(Dividend) का किया जाता है. Preferred Stock की स्थिति में लाभांश भुगतान मान्य स्टॉक या कंपनी बांडों की तुलना में अक्सर ज्यादा होता है.
सामान्य शेयरधारकों को दिया जाने वाला Dividend विभिन्न कंपनियों के अनुसार अलग-अलग होता है. अगर अभी स्टॉक की कीमतों में कोई गिरावट होती है और नुकसान होता है, तो लाभांश भुगतान उस नुकसान को भी कम करता है. यह अस्थिरता और पोर्टफोलियो जोखिम डिविडेंड कब मिलता है? को कम करने में मदद करता है.
यह भी पढ़ें –

  • शेयर बाजार क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में.
  • नये लोग शेयर बाजार में पैसा कैसे लगाएं
  • शेयर बाजार में पैसे खोने से कैसे बचें ?

कैसे किया जाता है Dividend का भुगतान

डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार निर्धारित है. डिविडेंट की घोषणा के बाद एक विशेष तिथि की इसका भुगतान कंपनी करती है. इस तिथि को देय तिथि कहा जाता है. जब कंपनी लाभ कमाती है तो अपने लाभ को बचाकर रखती है और उसको अपने शेयर धारकों में वितरित करने के फैसला करती है. कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि को जारी करती है. डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है –

नकद डिविडेंट (Cash dividend)

अधिकांश कंपनियां इस प्रकार के डिविडेंट का भुगतान करती हैं. यह नकद भुगतान है जिसे सीधे कंपनी से शेयरधारक के खाते में भेजा जाता है. आमतौर पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जा सकता है.

स्टॉक डिविडेंट (Stock dividend)

शेयरधारकों के लिए नए शेयर जारी करके स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है. सामान्य शेयरों में निवेश करने वाले लोग स्टॉक लाभांश भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं. इस डिविडेंट को Cash dividend से बेहतर माना जाता है. कंपनी शेयरधारकों की अपनी इच्छा के अनुसार स्टॉक डिविडेंट को नकदी में परिवर्तित करने का विकल्प देती है.

संपत्ति डिविडेंट (Asset dividend)

कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में भौतिक संपत्ति, अचल संपत्ति और अन्य के रूप में गैर मौद्रिक भुगतान भी कर सकती है.

Scrip dividend

जब कंपनी के पास डिविडेंट जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती है तो कंपनी स्क्रिप (Scrip) डिविडेंट जारी कर्ट सकती है, यह एक तरह का वादा है, जो भविष्य में किसी तिथि को भुगतान करने की गारंटी देता है.

लिक्विडेटिंग डिविडेंट (liquidating dividend)

जब कोई कंपनी बिज़नेस बन कर रही होती है तो वह अपने शेयरधारकों को liquidating dividend के रूप में भुगतान करती हैं. शेयरधारकों को उस कंपनी द्वारा किया गया यह अंतिम भुगतान होता है यह भुगतान शेयर की संख्या के आधार पर किया जाता है.

विशेष डिविडेंट (Special dividend)

जब कोई कंपनी अपनी लाभांश भुगतान नीति से अलग कोई डिविडेंट का भुगतान करती है तो इसे तो इसे Special dividend कहा जाता है. इस स्पेशल डिविडेंट का भुगतान तब किया जाता है, जब कंपनी अधिक लाभ कमाती है. इसे अतिरिक्त लाभांश के रूप में जाना जाता है. यह डिविडेंट आम तौर पर सामान्य डिविडेंट की तुलना में अधिक होता है.

डिविडेंड क्या है ?शेयर से पैसा कैसे कमाए

Share investment tips

शेयर खरीदते समय जिन लोगों ने शेयर खरीदा है उसके रेट बढ़ गए और कुछ हुआ बढ़े हुए रेट पर बेच दे तो उसको profit मिलता है लेकिन अगर शेयर के रेट बढ़ गए हैं आपने बेचा नहीं है तो जो भी प्रॉफिट है उसको डिविडेंड के रूप में कंपनी देती हैं आइए जानते हैं डिविडेंड क्या होता है।

What is dividend ?

डिविडेंड प्रॉफिट का हुआ पार्ट है जब जब हम अपनी शेयर के रेट बढ़ जाने के बाद भी शेयर को अगर बेचते नहीं है मतलब कंपनी के पास ही रहने देते हैं कंपनी क्या करती है कि शेयर के बढ़े हुए रेट पर लाभांश शेयर खरीदने वाले को देती है जिसको डिविडेंड कहा जाता है और यह कब तक मिलता रहता है जब तक कंपनी प्रॉफिट में आती रहती है और शेयर कंपनी के पास में पड़े रहते हैं।

Share Investment tips

शेयर में इन्वेस्टमेंट करते समय इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि जिस कंपनी की पटोफाइल अच्छी होती है उन पर उनके प्रोजेक्ट को देखते हुए पैसा अपना इन्वेस्ट करने चाहिए ।
इसके लिए कई सारी कंपनी है जो ब्रोकरेज के आधार पर share investment tips देते हैं और उनका दावा होता है कि उनकेबताये गए शेयर इन्वेस्टमेंट से लोगों को फायदा होता है ।

Dividend क्या होता है और कैसे मिलता है ?

कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का निवेश लाभ (investment profit ) कमाने के लिए करता है. लोग लाभ कमाने के लिए अलग-अलग स्कीम्स में अपने पैसे को निवेश करते हैं जैसे शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, FD आदि. जब किसी कंपनी या व्यवसाय में एक से अधिक लोग निवेश करते हैं. तो Dividend निवेश के अनुपात के अनुसार मिलता है. कंपनी शेयर धारकों अर्थात निवेश करने वालों को डिविडेंट तभी देती है जब उसे लाभ होता है. लाभांश (Dividend) कई प्रकार से दिया जाता है. इसे समझने के लिए सबसे पहले हमलोग जानते हैं की Dividend (लाभांश) क्या है?

क्या है डिविडेंट (What is Dividend)

अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता डिविडेंड कब मिलता है? है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब बताएंगे जिससे आने वाले दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.


कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को किये जाने वाले नकद भुगतान को लाभांश (Dividend) कहते है. अगर आप सामान्य स्टॉक के साथ प्रिफर्ड शेयरों में भी निवेश करते हैं तो आप लाभांश प्राप्त करने के हक़दार हैं. कंपनी के स्टॉक में निवेश करते समय आप लाभांश के भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं.

जब आप सामान्य स्टॉक में निवेश करते हैं तो शेयरों की कीमत बढ़ने पर कंपनी लाभांश के रूप में एक बड़ी राशि का भुगतान करती है, वहीं पसंदीदा या मुख्य (Preferred) स्टॉक में भुगतान एक पूर्व निर्धारित लाभांश(Dividend) का किया जाता है. Preferred Stock की स्थिति में लाभांश भुगतान मान्य स्टॉक या कंपनी बांडों की तुलना में अक्सर ज्यादा होता है.
सामान्य शेयरधारकों को दिया जाने वाला Dividend विभिन्न कंपनियों के अनुसार अलग-अलग होता है. अगर अभी स्टॉक की कीमतों में कोई गिरावट होती है और नुकसान होता है, तो लाभांश भुगतान उस नुकसान को भी कम करता है. यह अस्थिरता और पोर्टफोलियो जोखिम को कम करने में मदद करता है.
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  • शेयर बाजार क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में.
  • नये लोग शेयर बाजार में पैसा कैसे लगाएं
  • शेयर बाजार में पैसे खोने से कैसे बचें ?

कैसे किया जाता है Dividend का भुगतान

डिविडेंट का निर्धारण प्रति शेयर के मूल्य के आधार निर्धारित है. डिविडेंट की घोषणा के बाद एक विशेष तिथि की इसका भुगतान कंपनी करती है. इस तिथि को देय तिथि कहा जाता है. जब कंपनी लाभ कमाती है तो अपने लाभ को बचाकर रखती है और उसको अपने शेयर धारकों में वितरित करने के फैसला करती है. कंपनी के निदेशक मंडल की मंजूरी के बाद भुगतान के लिए शेयर के मूल्य, देय तिथि और रिकॉर्ड तिथि को जारी करती है. डिविडेंट छह प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार है –

नकद डिविडेंट (Cash dividend)

अधिकांश कंपनियां इस प्रकार के डिविडेंट का भुगतान करती हैं. यह नकद भुगतान है जिसे सीधे कंपनी से शेयरधारक के खाते में भेजा जाता है. आमतौर पर भुगतान इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है, लेकिन कभी-कभी भुगतान चेक के माध्यम से भी किया जा सकता है.

स्टॉक डिविडेंट (Stock dividend)

शेयरधारकों के लिए नए शेयर जारी करके स्टॉक लाभांश का भुगतान किया जाता है. सामान्य शेयरों में निवेश करने वाले लोग स्टॉक लाभांश भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं. इस डिविडेंट को Cash dividend से बेहतर माना जाता है. कंपनी शेयरधारकों की अपनी इच्छा के अनुसार स्टॉक डिविडेंट को नकदी में परिवर्तित करने का विकल्प देती है.

संपत्ति डिविडेंट (Asset dividend)

कंपनियां शेयरधारकों को लाभांश के रूप में भौतिक संपत्ति, अचल संपत्ति और अन्य के रूप में गैर मौद्रिक भुगतान भी कर सकती है.

Scrip dividend

जब कंपनी के पास डिविडेंट जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं होती है तो कंपनी स्क्रिप (Scrip) डिविडेंट जारी कर्ट सकती है, यह एक तरह का वादा है, जो भविष्य में किसी तिथि को भुगतान करने की गारंटी देता है.

लिक्विडेटिंग डिविडेंट (liquidating dividend)

जब कोई कंपनी बिज़नेस बन कर रही होती है तो वह अपने शेयरधारकों को liquidating dividend के रूप में भुगतान करती हैं. शेयरधारकों को उस कंपनी द्वारा किया गया यह अंतिम भुगतान होता है यह भुगतान शेयर की संख्या के आधार पर किया जाता है.

विशेष डिविडेंट (Special dividend)

जब कोई कंपनी अपनी लाभांश भुगतान नीति से अलग कोई डिविडेंट का भुगतान करती है तो इसे तो इसे Special dividend कहा जाता है. इस स्पेशल डिविडेंट का भुगतान तब किया जाता है, जब कंपनी अधिक डिविडेंड कब मिलता है? लाभ कमाती है. इसे अतिरिक्त लाभांश के रूप में जाना जाता है. यह डिविडेंट आम तौर पर सामान्य डिविडेंट की तुलना में अधिक होता है.

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