सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं?

मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट का कहना है कि आज बाजार में निवेश के हजारों विकल्प मौजूद हैं. हमें लगता है कि यह एकमात्र फंड निवेशकों की जरूरत के लिए पर्याप्त है.
इंडेक्स म्यूचुअल फंड क्या हैं और ये भारत में एक प्रवृत्ति क्यों हैं?
स्टॉक मार्केट इंडेक्स उन शेयरों के समूह का चयन करके बनाया जाता है जो पूरे बाजार या बाजार के एक निश्चित खंड का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत में, हम दो सबसे लोकप्रिय सूचकांक के रूप में सेंसेक्स 30 और निफ्टी 50 हैं। इन दोनों सूचकांकों को उच्चतम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों (सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? इक्विटी के संदर्भ में सरलतम सबसे बड़ी कंपनियों) में शामिल करके बनाया गया है। सेंसेक्स में 30 और निफ्टी में भारतीय शेयर बाजार की 50 सबसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन सूचकांकों ने ट्रैक रिकॉर्ड साबित किया है और उनमें निवेश करने के लिए, इंडेक्स फंड एक अच्छा स्रोत हैं।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स पैसिव फंड मैनेजमेंट का रूप हैं यानी फंड पोर्टफोलियो मैनेजर के बजाय सक्रिय रूप से स्टॉक पिकिंग या मार्केट टाइमिंग, वह बस एक पोर्टफोलियो बनाते हैं, जिसकी होल्डिंग इंडेक्स की सिक्योरिटीज को मिरर करती है। सरल शब्दों में, यह समान शेयरों को खरीदकर और सूचकांक में उसी अनुपात में प्रदर्शन करता है।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं?
इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स के तहत, फंड मैनेजर एक निश्चित इंडेक्स में सभी शेयरों को उसी अनुपात में खरीदता है, जैसा कि इंडेक्स रखता है और फिर विभिन्न निवेशकों को फंड के लिए यूनिट जारी करता है। स्टॉक के चयन के बारे में कोई सक्रिय निर्णय नहीं लिया जाता है और फंड को केवल तब ही रीबैलेंस किया जाता है, जब इंडेक्स में बदलाव होता है - जो शायद ही कभी होता है। उदाहरण के लिए, निफ्टी के मामले में, वर्ष में केवल दो बार पुनर्संतुलन होता है। इसलिए, यह सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड की तुलना में लेनदेन की लागत और करों में भारी कमी करता है।
इंडेक्स फंड में निवेश निष्क्रिय निवेश का एक रूप है। विपरीत रणनीति सक्रिय निवेश है, जैसा कि सक्रिय रूप से प्रबंधित म्यूचुअल फंडों में एहसास हुआ है - जो कि ऊपर बताए गए प्रतिभूति-पिकिंग, मार्केट-टाइमिंग पोर्टफोलियो प्रबंधक के साथ हैं।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड का चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
इंडेक्स फंड का सबसे बड़ा फायदा इसका कम खर्च है। इसलिए, इंडेक्स म्यूचुअल फंड का चयन करते समय, व्यय अनुपात पर पूरी तरह से विचार किया जाना चाहिए।
पिछले रिटर्न जज के लिए एक पैरामीटर हो सकता है कि कौन सा इंडेक्स म्यूचुअल फंड बेहतर है। लेकिन किसी भी फंड को अंतिम रूप देने से पहले ट्रैकिंग मापदंडों जैसी अन्य मापदंडों के बीच कम से कम पिछले 12 महीनों, 3 साल और 5 साल के रिटर्न की जांच करें। आपका सलाहकार आपको सबसे अच्छा विकल्प बनाने में मदद कर सकता है।
इंडेक्स फंड्स के मामले में फंड मैनेजर का ज्ञान और अनुभव बहुत मायने नहीं रखता। उनके ट्रैकिंग कौशल क्या मायने रखते हैं यानी वे कितनी कुशलता से सूचकांक को दोहराते हैं।
ट्रैकिंग एरर यानी इंडेक्स फंड्स के रिटर्न और इंडेक्स रिटर्न के बीच अंतर न्यूनतम होना चाहिए।
इंडेक्स म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, निवेश का समय क्षितिज लंबा होना चाहिए। यह ऐतिहासिक रूप से देखा सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? गया है कि 7-8 वर्षों से अधिक की होल्डिंग अवधि अच्छे रिटर्न देती है।
Active vs Passive Funds: जानें क्या है दोनों में अंतर और कहां निवेश करना होगा फायदेमंद
TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा
Updated on: Jun 03, 2021 | सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? 11:00 AM
आज के समय में निवेशकों के पास भविष्य को वित्तीय रूप से सुरक्षित करने के लिए कई तरह के विकल्प मौजूद हैं. आमतौर पर जो लोग सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? पहली बार निवेश करना शुरू करते हैं या स्टॉक मार्केट की समझ विकसित करने की प्रक्रिया में होते हैं, वो म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) को चुनते हैं. इन्हीं सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? म्यूचुअल फंड में दो बड़ी कैटेगरी है. इनमें से एक कैटेगरी का नाम एक्टिव फंड्स (Active Funds) और दूसरे का नाम पैसिव फंड्स (Passive Funds) है. आज हम आपको इसी बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.
एक्टिव और पैसिव फंड्स में अंतर
- एक्टिव फंड्स में निवेश करने का लक्ष्य मार्केट इंडेक्स से बेहतर रिटर्न प्राप्त करना होता है. वहीं, पैसिव फंड के निवेशक मार्केट इंडेक्स के हिसाब से ही होते हैं.
- एक्टिव इन्वेस्टिंग में स्टॉक खरीद-बिक्री से जुड़े फैसले जल्दी लिए जाते हैं. छोटी अवधि में बाजार में तेजी का फायदा उठाया जाता है. जबकि पैसिव निवेश से पहले रिसर्च करने किया जाता है और चुने गए स्टॉक्स को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है.
- एक्टिव इन्वेस्टिंग में ज्यादा लेनदेन किया जाता है. पैसिव इन्वेस्टिंग की तुलना में एक्टिव इन्वेस्टिंग पर रिसर्च खर्च अधिक लगता है.
- एक्टिव इन्वेस्टिंग पर कैपिटल गेन्स टैक्स अधिक देना होता है. जबकि इसके पैसिव फंड पर कम कैपिटल टैक्स देना होता है.
- एक्टिव रूप से इन्वेस्ट करना अधिक जोखिम भरा होता है लेकिन इसमें ज्यादा रिटर्न की संभावना भी होती है.
निवेशकों का पैसा कहां लगेगा
ये स्कीमें 100 फीसदी पैसिव मल्टी एसेट एफओएफ हैं. इनका इक्विटी, इंटरनेशल इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और कमोडिटी में निवेश होगा. यह निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता या निवेश लक्ष्यों के अनुसार अलग-अलग तरह के एसेट्स में निवेश करने का मौका देगा.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि म्यूचुअल फंड एसआईपी कोई भी 20 साल में किए गए निवेश पर कम से कम 12 फीसदी रिटर्न की उम्मीद कर सकता है. एक बार जब बाजार स्थिर हो जाए, तो केवल वापसी की समीक्षा करनी चाहिए. निवेशक को समीक्षा के आधार पर तय करना चाहिए कि वर्तमान योजना के साथ जारी रखना है या स्विच करना है.
अब जानते हैं ये एफओएफ म्यूचुअल फंड क्या होते है
फंड ऑफ फंड यानी एफओएफ म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीमें होती हैं जो दूसरी स्कीमों में निवेश करती हैं. ये म्यूचुअल फंड स्कीमें फंड हाउस की अपनी या किसी दूसरे फंड हाउस की हो सकती हैं.सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं?
फंड हाउस के अनुसार, ये फंड निवेश में स्ट्रैटेजिक रीबैलेंसिंग की फिलॉसफी फॉलो करेंगे. इससे मार्केट की टाइमिंग का जोखिम खत्म होगा. इसमें फंड मैनेजर रिस्क या क्रेडिट रिस्क नहीं जुड़ा है.
अब जानते हैं एक्टिव फंड और पैसिव फंड के बारे में
एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक्टिव फंड और पैसिव फंड में अंतर करना आसान हैं. फंड मैनेजर्स, एक्टिव फंड को मैनेज करते हैं. एक्टिव फंड में रिबैलेंसिंग की जरूरत होती है जबकि पैसिव फंड में इंडेक्स की तरह काम करते हैं. शेयर्स में बदलाव से रिबैलेंसिंग की जरूरत होती है. ईटीएफ या इंडेक्स फंड पैसिव फंड सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? के उदाहरण है.
बाजार में उतार-चढ़ाव के हिसाब से एक्टिव फंड में निवेश सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? किया जाता है. इसमें मैनेजर स्कीम से इक्विटी और फिक्सड इनकम में निवेश कर सकेगा. वहीं पैसिव फंड में फिक्सड इनकम विकल्प का मौका नहीं होता.
रिटर्न के आधार पर अगर इन दोनों ही फंड्स के फर्क को समझना हो तो पैसिव फंड पर रिटर्न इंडेक्स जैसे ही मिलते है. एक्टिव फंड बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. निवेश के लिए रिस्क क्षमता होनी चाहिए. दोनों कैटेगरी के फंड में रिस्क रहता है. इसलिए लंबी अवधि में निवेश के लिए पैसिव फंड का चुनाव ही सहीं होता है.
निवेश के लिए ये हैं 6 सबसे अच्छे लार्जकैप सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? म्यूचुअल फंड
लार्जकैप स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है.
ये लार्जकैप कंपनियां अपने-अपने क्षेत्र की दिग्गज हो सकती हैं. बाजार में अस्थिरता के दौरान छोटी कंपनियों की अपेक्षा ये अधिक स्थिर रहती हैं. यही बात इन्हें उन निवेशकों के लिए उपयुक्त बनाती है जो बिना किसी अतिरिक्त जोखिम के पैसा बनाना चाहते हैं.
यही वजह है कि कई म्यूचुअल फंड मैनेजर और एडवाइजर अस्थिरता के समय लार्जकैप स्कीमों में निवेश की सलाह देते हैं. उन्हें लगता है कि उठापटक के समय को निकालने के लिए ये बिल्कुल उचित स्कीमें हैं. ये स्कीमें उन निवेशकों के लिए हैं जो अपने निवेश के साथ बहुत जोखिम नहीं ले सकते हैं.
Investment Tips : शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में कौन है सही विकल्प? निवेश पर मोटा रिटर्न हासिल करने अपनाएं एक्टिव या पैसिव फंड सिस्टम! समझें अंतर
व्यापर, डेस्क रिपोर्ट। निवेश (Investment Tips) का बाजार प्रतिदिन बदलता रहता है। पिछले कुछ महीनों से निवेशकों का झुकाव पैसिव म्यूच्यूअल फंड (mutual fund) की तरफ अधिक देखने को मिल रहा है। दरअसल पेसिव म्युचुअल फंड (passive mutual fund) रिस्क कम है और मार्केट इंडेक्स में शामिल सबसे अच्छे पैसिव फंड कौन से हैं? कंपनियों के शेयर में निवेश करने पर लंबे और मोटे रिटर्न हासिल होते हैं। वहीँ कुछ निवेशक शेयर (share market) और म्यूच्यूअल फंड निवेश की कार्यशैली पर चिंतित होते हैं, आज बात करेंगे इन दोनों जगहों होने वाले निवेश और उनके रिटर्न्स पर