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ETF का इतिहास

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बिटक्वाइन में ईटीएफ को मंजूरी मिलते ही बेतहाशा बढ़ा है इसमें निवेश

अक्षय तृतीया पर गोल्ड ETF में निवेश करने से बनेगा आपका पोर्टफोलियो, जानें एक्सपर्ट की सलाह

अक्षय तृतीया इस साल 3 मई को मनाई जा रही है. हिंदूओं के इस पर्व पर भी सोना खरीदने का विशेष महत्व है.

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अक्षय तृतीया पर गोल्ड ETF में निवेश करने से बनेगा आपका पोर्टफोलियो, जानें एक्सपर्ट की सलाह

Wealth Guide: अक्षय तृतीया इस साल 3 मई को मनाई जा रही है. हिंदूओं के इस पर्व पर भी सोना खरीदने का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया से पहले ICICI Prudential AMC के प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटेजी हेड चिंतन हरिया (Chintan Haria) ने बताया कि ऐसे मुश्किल समय में एसेट क्लास में सोना क्यों चमकता है:

चिंतन कहते हैं कि इसका कारण यह है कि सोना एक गैर-आय उपज वाली संपत्ति हो सकती है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी क्वालिटी इसका मूल्य है, जो सभी कल्चर, जियोग्राफी और करेंसी में सामन रूप से मूल्यवान है. मुश्किल समय में सुरक्षा की तलाश करने की प्रवृत्ति इसे और मूल्यवान बनाती है. मार्केट के बुरे समय में मुद्रास्फीति भी साथ में आती है, जो पेपर करेंसी के दाम को नीचे ले आती है. लेकिन चूंकि सोने की सप्लाई सीमित है, इसलिए पेपर करेंसी के विपरीत इसका अवमूल्यन नहीं किया जा सकता है. इससे यह इन्वेस्टर्स के बीच एक खास एसेट क्लास बन जाता है. हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान भी ऐसा देखने को मिला.

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से होगा फायदा

हरिया ने कहा कि व्यक्तिगत निवेश (Individual Investment) के दृष्टिकोण से, हर समय अपने पोर्टफोलियो में सोने के लिए एक मामूली आवंटन (5-10%) बनाए रखना समझदारी है. यह किसी व्यक्ति के पोर्टफोलियो में बहुत जरूरी विविधीकरण भी लाएगा. ऐसे कुछ तरीके हैं जिनके माध्यम से कोई व्यक्ति सोने में निवेश कर सकता है, जैसे फिजिकल गोल्ड खरीदना, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश करना, गोल्ड फंड/फंड ऑफ फंड्स, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) खरीदना.

उन्होंने समझाया, "इन सभी विकल्पों में से, जो एक पोर्टफोलियो के नजरिए से सबसे अधिक कुशल है, वह है गोल्ड ईटीएफ. Gold ETF एक ऐसा फंड है जिसका एक्सचेंज पर कारोबार होता है और यह घरेलू सोने की कीमतों को इसके आधार के रूप में ट्रैक करता है. इसलिए जब कोई निवेशक गोल्ड ईटीएफ खरीद रहा है, तो ETF का इतिहास वह अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में सोने में निवेश कर रहा है."

Cryptocurrency Investment: US में बिटक्वाइन ETF शुरू होते ही क्रिप्टोकरेंसी फंड्स में निवेशकों का तांता, एक ही हफ्ते में झोंके डेढ़ अरब डॉलर

इससे पहले बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का सबसे बड़ा रिकार्ड इस साल फरवरी में बनाया था, जब इसमें 640 मिलियन डॉलर का रिकार्ड निवेश हुआ था. इस साल अब तक इसमें 8 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है.

Cryptocurrency Investment: US में बिटक्वाइन ETF शुरू होते ही क्रिप्टोकरेंसी फंड्स में निवेशकों का तांता, एक ही हफ्ते में झोंके डेढ़ अरब डॉलर

बिटक्वाइन में ईटीएफ को मंजूरी मिलते ही बेतहाशा बढ़ा है इसमें निवेश

अमेरिका में क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर में ईटीएफ शुरू होने के बाद नंबर वन क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में निवेश जम कर बढ़ा है. क्रिप्टो फंड्स और दूसरे एसेट्स में पिछले सप्ताह 1.47 अरब डॉलर का जोरदार निवेश हुआ. इस वजह से क्रिप्टो एसेट्स का एयूएम 79.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया. हालांकि सप्ताह के अंत में इसमें थोड़ी कमी आई और यह 76.7 अरब डॉलर पर आकर टिक गया.

बिटक्वाइन में ETF को मंजूरी मिलते ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश तेज

डिजिटल एसेट मैनेजमेंट फर्म CoinShares’ weekly के मुताबिक अमेरिकी मार्केट रेगुलेटर यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन यानी SEC की ओर से बिटक्वाइन ईटीएफ को मंजूरी देने के बाद इसके दाम तेजी से बढ़े . इसी वजह से क्रिप्टोकरेंसी के एयूएम में बढ़ोतरी हुई है.
पिछले सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी में जितना निवेश हुआ उसमें 99 फीसदी हिस्सेदारी अकेले बिटक्वाइन (Bitcoin) की थी. बिटक्वाइन में निवेश 1.45 अरब डॉलर का हुआ. इसके अलावा Solano,Cardano और Binance में भी निवेशकों ने जम कर निवेश किया. इनमें क्रमश: 8.1, 5.3 ETF का इतिहास और 1.8 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ. Litecoin, Polkadot,Ripple और Bitcoin Cash में निवेश बढ़ा, जबकि Etherium में निवेशकों ने निवेश घटाया. इससे लगातार तीसरे सप्ताह निवेशकों ने फंड निकाला.

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फरवरी में बना था बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का रिकार्ड

इससे पहले बिटक्वाइन में साप्ताहिक निवेश का सबसे बड़ा रिकार्ड इस साल फरवरी में बनाया था, जब इसमें 640 मिलियन डॉलर का रिकार्ड निवेश हुआ था. इस साल अब तक इसमें 8 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है. पिछले साल यह निवेश 7.6 अरब डॉलर का था.

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जल्द डायमंड ETF में कर पाएंगे निवेश, जानें कैसे होगा हीरा खरीदने से बेहतर

गोल्ड ईटीएफ (गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के बाद निवेशकों को डायमंड ईटीएफ में भी निवेश करने का विकल्प जल्द ही मिल सकता है। ब्रिटेन के वित्तीय नियामक ने डायमंड ईटीएफ स्थापित करने के लिए कदम बढ़ा दिया.

जल्द डायमंड ETF में कर पाएंगे निवेश, जानें कैसे होगा हीरा खरीदने से बेहतर

गोल्ड ईटीएफ (गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के बाद निवेशकों को डायमंड ईटीएफ में भी निवेश करने का विकल्प जल्द ही मिल सकता है। ब्रिटेन के वित्तीय नियामक ने डायमंड ईटीएफ स्थापित करने के लिए कदम बढ़ा दिया है।

नियामक ने छोटे से हीरे का मूल्य निर्धारण करने के लिए एक कंपनी को मंजरी दी है। यह कंपनी डायमंड ईटीएफ लाने का खाका तैयारी करेगी। इस कदम से गोल्ड ईटीएफ का रास्ता साफ हो गया है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से हीरे में छोटे निवेशक भी निवेश कर पाएंगे जो अब तक सिर्फ अमीरों तक सीमित था।

भारतीय निवेशकों को करना होगा इंतजार : ब्रिटेन में डायमंड ईटीएफ अपने शुरुआती चरण में है। वहां इसकी सफल शुरुआत होने के बाद भारत में डायमंड ईटीएफ का गठन हो सकता है। लेकिन, वे निवेशक जो अभी भी विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं वह निवेश के इस नए विकल्प का चयन कर सकते हैं।

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि हीरा दुनियाभर में निवेश का सबसे महंगा विकल्प है। इसलिए इसमें निवेश करने में लोग घबराते हैं। ऐसा इसलिए ही हर हीरे की बनावट और खासियत अलग-अलग होती है। इस वजह से कीमत भी भिन्न-भिन्न होती है। लेकिन, डायमंड ईटीएफ के शुरू होने से निवेशकों का जोखिम कम होगा और निवेशक बढ़ेगा। अभी भी निवेशकों का रुझान धीरे-धीरे डायमंड में बढ़ा है।

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यू2 डायमंड को मिली मंजूरी
ब्रिटेन के वित्तीय नियामक ने यू2 डायमंड लि. को हीरे की कीमत का बाजार से जोड़ने की मंजूरी दी है। इस फर्म से एफटीएसई इंटरनेशनल और आईसीई बेंचमार्क एडमिनिस्ट्रेशन लिमिटेड जैसी वित्तीय संस्थान भी जुड़ेंगे। माना जा रहा है कि इन वित्तीय संस्थानों को हीरे का मूल्य निर्धारण कर बाजार में पेशकश करने की अनुमति मिलेगी।

बहुत कम शुल्क
भौतिक हीरे के मुकाबले डायमंड ईटीएफ खरीदने और बेचने में बहुत कम शुल्क देना होगा, जबकि फिजिकल डायमंड खरीदने और बेचने में ज्यादा शुल्क अभी देना होता है।

शुद्धता की गारंटी
भौतिक डायमंड खरीदने में शुद्धता को लेकर संशय होता है कि उसमें कोई मिलावट तो नहीं है। यह डायमंड ईटीएफ में नहीं होगा। भौतिक गोल्ड के मुकाबेल डायमंड ईटीएफ में कम मात्रा में हीरे खरीदने का विकल्प मिलेगा।

Bharat Bond ETF: मोटा मुनाफा कमाना है तो सरकार की इस स्कीम का इंतजार करें

यदि आप अपने निवेश (investment) की अधिकतम सुरक्षा और अधिकतम रिटर्न (maximum security and maximum return) चाहते हैं तो आपके लिए लाइफ का गोल्डन चांस (golden chance) आने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Bharat Bond ETF को मंजूरी दे दी है। यह एक ऐसा बॉन्ड है जो आपको bank FD से करीब 2 गुना ब्याज देगा। इसका फायदा आपको सारी जिंदगी मिलता रहेगा।

भारत बॉन्ड में किन सरकारी कंपनियों के शेयर होंगे

भारत सरकार द्वारा मंजूर किए गए भारत बॉन्ड ईटीएफ में भारत सरकार की करीब एक दर्जन सरकारी कंपनियों के शेयर होंगे. जो कंपनियां इसमें शामिल होंगी उनमें नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, नेशनल थर्मल कॉरपोरेशन, नाबार्ड, एक्जिम बैंक, न्यूक्लियर पावर, आरएसी, पावरग्रिड जैसी कंपनियों के शेयर इसमें रखे जाएंगे।

भारत बॉन्ड ईटीएफ कब लॉन्च होगा

इन एक दर्जन कंपनियों के यूनिट की साइज कम से कम 1 हजार यूनिट साइज होगा और इस जरिए जो पैसा जुटाया जाएगा वो कंपनियों के साला फंड रेजिंग प्लान के तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, Bharat Bond ETF को इसी महीने के दूसरे या तीसरे हफ्ते में लॉन्च किया जा सकता है। इसका मुख्य मकसद ये है कि खासतौर से बॉन्ड और डेट मार्केट में सरकार का पेनीट्रेशन बढ़ाना, रिटेल निवेशकों और कॉरपोरेट्स का ध्यान आकर्षित करना है। इन्हीं मकसद के साथ Bharat Bond ETF को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

भारत बॉन्ड ईटीएफ कौन खरीद सकता है कौन नहीं

(1) एक्सचेंज- एक्सचेंज पर बॉन्ड ETF की लिस्टिंग होगी। यहां से निवेशक खरीद सकते हैं। प्रत्येक बॉन्ड ETF की कीमत 1,000 रुपये होगी।

(2) मार्केट मेकर- जब कोई खरीदार नहीं होगा तो मार्केट मेकर बॉन्ड की खरीद-बिक्री करेंगे। एक समय में 1 करोड़ रुपये यूनिट की खरीद-बिक्री कर सकते हैं।

(3) AMC- बड़े निवेशक एएमसी के जरिए खरीदारी कर सकते हैं। ऐसे निवेशक 25 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की खरीदारी कर सकते हैं।

Share Market: मई में Gold ETF में निवेश 57 फीसदी घटा, फीकी पड़ी सोने की चमक

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में शुद्ध निवेश मई में इससे पिछले महीने की तुलना में 57 फीसदी घटकर 288 करोड़ रुपए रह गया.

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में शुद्ध निवेश मई में इससे पिछले महीने की तुलना में 57 फीसदी घटकर 288 करोड़ रुपए रह गया. निवेशकों द्वारा शेयर बाजारों का रुख करने की वजह से गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में निवेश घटा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के अनुसार, Gold ETF में निवेश घटने के बावजूद गोल्ड ईटीएफ के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मई के अंत तक 6 फीसदी बढ़कर 16,625 करोड़ रुपए पर पहुंच गईं, जो अप्रैल के अंत तक 15,629 करोड़ रुपए थीं.

आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ में मई में शुद्ध रूप से 288 करोड़ रुपए का निवेश हुआ. अप्रैल में यह आंकड़ा 680 करोड़ रुपए रहा था. निवेशकों ने मार्च में गोल्ड ईटीएफ में 662 करोड़ रुपए डाले थे. फरवरी में उनका निवेश 491 करोड़ रुपए और जनवरी में 625 करोड़ रुपए रहा था.

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, मई में गोल्ड ईटीएफ में निवेश घटने की वजह यह है कि शेयर बाजार काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और निवेशक अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा शेयरों की ओर स्थानांतरित कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा अप्रैल की तुलना में मई में गोल्ड ईटीएफ से निकासी भी बढ़ी है जिससे पता चलता है कि सोने की कीमतों में हालिया तेजी के बाद कुछ निवेशक मुनाफा काट रहे हैं.

5 जून, 2021 से सोने के गहनों और उससे जुड़े सामानों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है. पहले इसे लागू करने की समय सीमा 1 जून थी जिसे कोविड -19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के चलते 15 दिन के लिए बढ़ा दिया गया था.

नए नियम से सभी ज्वैलर्स के लिए गोल्ड ज्वैलरी पर हॉलमार्क लगाना अनिवार्य होगा ताकि गोल्ड खरीदने जाने वाले ग्राहक ठगा हुआ महसूस न करें और इसके बदले शुद्ध आभूषण प्राप्त करें.

ए नियमों के अनुसार, अगर 14, 18, या 22 कैरेट सोने से बने आभूषण या कलाकृति को बीआईएस हॉलमार्क (BIS Hallmark) के बिना बेचा जाता है, तो ज्वैलर को वस्तु की कीमत का पांच गुना जुर्माना या एक साल तक की जेल हो सकती है.

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