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लिक्विड फंड्स क्या हैं

लिक्विड फंड्स क्या हैं
Types of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड के प्रकार आज हम समझेंगे कि म्यूचुअल फंड किस किस प्रकार के होते हैं और इनकी कौन कौन सी श्रेणियां होती हैं. भिन्न भिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड कहाँ और कैसे निवेश करते हैं और किस प्रकार के Mutual Funds में कितना रिस्क होता है. यह भी लिक्विड फंड्स क्या हैं समझेंगे कि कौन सा म्यूचुअल फंड का प्रकार रिस्क फ्री होता है और किस में अधिक कमाई के मौके आ सकते हैं. अलग अलग तरह के म्यूचुअल फंड इस तरह डिजाईन कियी जाते हैं कि अलग अलग श्रेणी के निवेशक अपने जोखिम लेने की क्षमता, निवेश के लक्ष्यों, निवेश की अवधि और निवेश की राशी के अनुसार उनका चयन कर सकें. यहां पढ़िये म्यूचुअल फंड्स कैसे खरीदें।

Types of Mutual Funds in Hindi म्यूचुअल फंड के प्रकार

म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे | Mutual Fund in Hindi

दोस्तों, आज के लेख में हम आपको Mutual Funds kya hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi के बारे मे पूरी जानकारी देंगे. इस म्यूच्यूअल फण्ड से भी मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बजह से बहुत से निवेशक म्यूच्यूअल फाउंड में निवेश करने लगे है.

SIP फुल फॉर्म हिंदी में “सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान” है. जिसके जरिये निवेश करने वालों की जनसंख्या बढती जा रही है. जिन लोगों को शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी नही है और सीखना भी नहीं चाहते है तो उन लोगों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड बेहतरीन तरीका है. इसमें कम रिस्क में कम मुनाफा और नुक्सान होता है.

इसके जरिये आप बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी निवेश कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के बारे में अधिक जानकारी ना होने पर किसी अच्छे एक्सपर्ट की मदद ले सकते है. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए बेहतर शेयर को चुनना होता है.

Mutual Fund क्या है | Mutual Funds Kya Hai in Hindi

म्यूच्यूअल फण्ड सामूहिक निवेश होता है. कई निवेशकों का एक समूह मिलकर स्टॉक में निवेश करते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकों के फण्ड के फायदा और नुक्सान का हिसाब रखने के लिए एक फंड मैनेजर होता है. (1)

इस तरह से निवेश में जो भी नुक्सान या फायदा होता है वह निवेशकों में बांट दिया जाता है. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में उन सभी निवशकों के निवेश पैसों को इकट्ठे करती है. ऐसा करने पर कंपनी लिक्विड फंड्स क्या हैं थोड़ा सर्विस चार्ज काटती है.

और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा शेयर मार्किट में निवेश करती है. म्यूच्यूअल फण्ड में एक काफी बड़ा फायदा है की उसमे यह सोचने की जरूरत नहीं होती है की कब शेयर को खरीदना और बेचना होता है, क्योकि ये सारा काम फण्ड मैनेजर का होता है.

म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने के फायदा यह है की आप इसमें 500, 1000 रूपए से निवेश करना सुरु कर सकते है. मासिक निवेश के लिए SIP लेना होता है. इसका मतलब होता है की आपके द्वारा तय की गई राशी अपने आप प्रतेक महीने खाते से से कटकर सीधे फण्ड में ट्रान्सफर होती रहगी. (2)

Mutual लिक्विड फंड्स क्या हैं Fund कितने प्रकार के होते है?

  • इक्विटी फण्ड
  • लार्ज कैप फण्ड
  • डेट फण्ड
  • गिल्ट फण्ड

इक्विटी फण्ड काफी महसूर फण्ड है. इसमें बेहतरीन निवेशक अधिक रिस्क लेकर अधिक मुनाफा भी लेते है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस इक्विटी म्यूचुअल फंड के मैनेजर सभी पैसा स्टॉक मार्किट में निवेश करता है.

इस इक्विटी म्यूचुअल फंड को मल्टी कैपिटल, लार्ज कैपिटल, स्मॉल कैपिटल, मिड कैपिटल में बांटा गया है.

लार्ज कैप फण्ड | Large Cap Funds

लार्ज कैप फण्ड mutual fund वह होते है जो आपकी राशी को बड़ी कैपिटल वाली कंपनी में निवेश करते है. लार्ज कैप कंपनी की काफी ग्रोथ है. इसलिए return तो कम मिलता है लेकिन लगातर मिलता है. लार्ज कैप फण्ड के मुकालबे स्माल और मिडकैप में अधिक रिस्क होता है.

Debt Fund: क्या होते हैं ये फंड्स, क्या आपको लगाना चाहिए इनमें पैसा?

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - June 1, 2021 / 03:32 PM IST

Debt Fund: क्या होते हैं ये फंड्स, क्या आपको लगाना चाहिए इनमें पैसा?

आप ज्यादा जोखिम लेने से डरते हैं तो आपके लिए डेट म्यूचुअल फंड (Debt Fund) सही विकल्प हैं. अगर आइडिया पूंजी की सुरक्षा है और बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं कमाना चाहते हैं तो डेट फंड (Debt Fund) सही विकल्‍प हैं. डेट फंड में अस्थिरता कम होती है.

हालांकि, इनमें रिटर्न कम होता है. डेट फंड (Debt Fund) कैटेगरी के भीतर भी अलग-अलग अस्थिरता और रिस्‍क प्रोफाइल वाले फंड होते हैं. विभिन्न डेट फंड्स में लिक्विड फंड, मनी मार्केट फंड, डायनेमिक बॉन्ड फंड, कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड, बैंकिंग & PSU फंड, गिल्ट फंड, क्रेडिट रिस्क फंड, फ्लोटर फंड, ओवरनाइट फंड, अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड वगैरह शामिल हैं.

Mutual Funds: म्‍यूचुअल फंड से तुरंत निकाल सकते हैं अपने पैसे, ये है आसान तरीका

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 23, 2021 15:46 लिक्विड फंड्स क्या हैं IST

Mutual Funds: म्‍यूचुअल फंड. - India TV Hindi News

Mutual Funds: म्‍यूचुअल फंड से झटपट निकाल सकते हैं अपने पैसे, ये है आसान तरीका

Highlights

  • लिक्विड या डेट फंडों से एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे
  • इक्विटी लिक्विड फंड्स क्या हैं लिक्विड फंड्स क्या हैं फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के पास आ जाता है
  • 365 दिनों के भीतर उसे भुनाने पर आपको 1% एक्जिट लोड देना

नई दिल्‍ली। म्‍यूचुअल फंड न सिर्फ बैंकों की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं बल्कि ये निवेशकों के चहेते इसलिए भी हैं क्‍योंकि इससे पैसे निकालना आसान है। पिछले दो लेखों में आपने पढ़ा लिक्विड फंड्स क्या हैं कि म्‍यूचुअल फंडों में निवेश कैसे किया जाए और बेहतरीन फंडों का चयन कैसे किया जाए। आज हम आपको बताएंगे कि म्‍यूचुअल फंड के यूनिटों को भुनाकर आप लिक्विड फंड्स क्या हैं अपने पैसे कैसे निकाल सकते हैं। तरीका आसान है, मुश्किल नहीं।

म्‍यूचुअल फंड यूनिट भुनाने की यह है प्रक्रिया

अगर आप म्‍यूचुअल फंड का यूनिट भुनाना चाहते हैं तो यह काम काम किसी भी बिजनेस डे को आप इसकी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। अगर आप खुद जाकर यह काम करना चाहते हैं तो आपको म्‍यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट से पहले ट्रांजैक्‍शन स्लिप डाउनलोड कर लीजिए और उसे अच्‍छी तरह भर लीजिए। इय रिडेंप्‍शन अप्लिकेशन को आप म्‍यूचुअल फंड कंपनी के आधिकारिक कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। आप चाहें तो म्‍यूचुअल फंड कंपनियों की ऑनलाइन सुविधा का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। कई म्‍यूचुअल फंड कंपनियां अपनी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन रिडेंप्‍शन (म्‍यूचुअल फंड यूनिट भुनाने) की सुविधा उपलब्‍ध कराती हैं। अगर आपने ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निवेश किया है तो आप ऑनलाइन फैसिलिटी का इस्‍तेमाल करते हुए अपने यूनिट भी भुना सकते हैं।

अगर आपने लिक्विड या डेट ओरिएंटेड म्‍यूचुअल फंडों में निवेश किया हुआ है तो आपको एक से दो दिनों में पैसे मिल जाएंगे। इक्विटी फंडों का पैसा 4-5 दिनों में निवेशकों के पास आ जाता है। हां, ध्‍यान रखने लायक बात यह है कि अगर आपने इक्विटी फंडों में निवेश किया हुआ है और यूनिट खरीदने के 365 दिनों के भीतर उसे भुना रहे हैं तो आपको एक फीसदी का एक्जिट लोड देना पर सकता है। लिक्विड फंड, अल्‍ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स आदि पर कोई एक्जिट लोड नहीं लगता है।

Types of Mutual Funds in Hindi – Close Ended Schemes

क्लोज्ड एंडेड योजना में केवल योजना की शुरुआत में जब NFO यानि New Fund Offer जारी किया जाता है तभी निवेश कर सकते हैं. क्लोज्ड एंडेड योजना में एक मैच्योरिटी यानि परिपक्वता तिथि पहले से निर्धारित होती है. परिपक्वता तिथि से पहले क्लोज्ड एंडेड योजना से बाहर नहीं निकला जा सकता इसलिए कह सकते हैं कि क्लोज्ड एंडेड योजना में लिक्विडिटी अर्थार्थ तरलता नहीं होती है. क्लोज्ड एंडेड योजनाओं में मुख्य रूप से दो तरह के फंड होते हैं कैपिटल प्रोटेक्शन फण्ड Capital Protection Fund और फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान Fixed Maturity Plan.

कैपिटल प्रोटेक्शन फंड Capital Protection Fund

कैपिटल प्रोटेक्शन फंड लिक्विड फंड्स क्या हैं में मुख्य रूप से निवेश की गई राशी को सुरक्षित रखते हुए लाभ कमाने के लिए निवेश किया जाता है. इस योजना में मुख्य रूप से फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है मगर एक छोटा भाग इक्विटी में भी निवेश किया जाता है. इन फंड्स में कैपिटल को सुरक्षित रखने का दबाव रहता है और क्योंकि यह एक क्लोज्ड एंडेड योजना होती है इसीलिए केवल निश्चित समय अवधि तक ही निवेश किया जाता है इसलिए फण्ड मेनेजर के पास अधिक रिस्क लेने की संभावना ही नहीं रहती है.

शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स क्या करते हैं | What do Short Term Debt Funds

एक डेब्ट म्यूच्यूअल फंड, ROI जनरेट करने के लिए गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल्स, इत्यादि जैसे फिक्स्ड इनकम वाले निवेश साधनों में निवेश करता है। निवेश को अलग-अलग बॉन्ड्स में और अलग-अलग मैच्योरिटी पीरियड के साथ निवेश करके, जोखिम को कम किया जाता है। इसके अलावा, डेब्ट फंड्स आपको समय-समय पर डिविडेंड लिक्विड फंड्स क्या हैं इनकम दे सकता है।

बाजार में कई तरह के डेब्ट फंड्स मौजूद हैं। यदि आप एक कम जोखिम और कम रिटर्न वाले फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपको लिक्विड फंड्स या शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए।

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