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क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है

क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है
भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।

रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने, इस पर कानून बनाने की सिफारिश की: सीतारमण

नई दिल्ली/भाषा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही । उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी के दुष्प्रभाव के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है और क्या सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी के उपभोग को परिसीमित करने वाला कोई कानून लाने की कोई योजना है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘जी, हां। भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी चिंता जाहिर की है। आरबीआई ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है क्योंकि प्रत्येक मुद्रा को केंद्रीय बैंक/सरकार द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है।’ उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है, हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा।

गौरतलब है कि फिएट मनी सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है। सीतारमण ने बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव संबंधी चिंताओं के मद्देनजर आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है।

उन्होंने कहा, ‘आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।’ उन्होंने बताया कि आरबीआई ने 24 दिसंबर 2013, एक फरवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को सार्वजनिक नोटिसों के माध्यम से डिजिटल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को आर्थिक, वित्तीय, कानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिमों से आगाह कर रहा है सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी।

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने 31 मई, 2021 के परिपत्र के माध्यम से अपनी विनियमित संस्थाओं को डिजिटल करेंसी में लेनदेन के लिए ग्राहक की यथोचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिये विभिन्न मानकों के अनुरूप कार्य के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।

क्रिप्टो पर टैक्स कैसे वसूलेगी सरकार? आपको क्या अब पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए हर सवाल का जवाब

क्रिप्टोकरेंसी समेत डिजिटल ऐसेट पर अब भारत में 30 प्रतिशत का कर लगाने की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने अपने बजट भाषणा में की है। क्रिप्टो पर टैक्स की घोषणा का क्या है मतलब और ये कैसे लगाया जाएगा, जानें हर सवाल का जवाब-

crypto tax: know all detail, and how will it work, all FAQs related to cryptocurrenecy tax | क्रिप्टो पर टैक्स कैसे वसूलेगी सरकार? आपको क्या अब पूरे क्रिप्टो निवेश पर देना होगा कर? जानिए हर सवाल का जवाब

क्रिप्टो पर भारत में लगेगा टैक्स (फाइल फोटो)

Highlights बजट में सभी क्रिप्टो ऐसेट से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की हुई है घोषणा। गिफ्ट में क्रिप्टोकरेंसी लेने पर भी टैक्स देना होगा, डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस भी देना होगा।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भारत में अब डिजिटल ऐसेट (इसमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल) पर भी टैक्स लगेगा। क्रिप्टोबाजार में दिलचस्पी दिखाने वाले लोगों ने इस कदम का स्वागत किया क्योंकि यह देश में लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य को एक तरह से कानूनी दर्जा देता है।

हालांकि, इसके बाद वित्त मंत्री ने जब कहा कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत तक का भारी कर लगेगा, तो ये कई लोगों को निराश कर गया। दरअसल यह म्युचुअल फंड या यहां तक ​​कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे भी कहीं अधिक है।

यह नहीं, बजट भाषण के बाद सरकार की ओर से ये भी साफ किया गया कि क्रिप्टो पर नुकसान होता है तो अन्य ऐसेट के जरिए भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है। वित्त मंत्री ने डिजिटल संपत्ति के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया।

सीतारमण ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों में उपहार पर कर लगेगा। संसद में बजट पारित होने के बाद कर प्रस्ताव एक अप्रैल से अमल में आएगा। निर्मला सीतारमण की ओर से क्रिप्टो पर लगाए गए टैक्स को लेकर घोषणाओं के बाद अब भी कई सवाल इसका इस्तेमाल कर रहे लोगों के मन में घूम रहे हैं। आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करते हैं-

क्रिप्टोकरेंसी पर कर कैसे लगेगा, ये कैसे काम करेगा?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। उदाहरण के लिए यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा।

इंडिया टुडे के अनुसार सेबी के पंजीकृत वित्तीय सलाहकार जितेंद्र सोलंकी का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत कर लगाकर सरकार क्रिप्टो निवेश को संभवत: हतोत्साहित करना चाहती है।

क्या मुझे अपने पूरे क्रिप्टो निवेश पर टैक्स का भुगतान करना होगा?

नहीं। आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही कर का भुगतान करना होगा। उदाहरण के लिए यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और 5,500 रुपये में बेचते हैं तो केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर ये लागू होगा।

लॉन्ग टर्म लॉस के खिलाफ सेट ऑफ का क्या मतलब है?

मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ में अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं। दूसरे शब्दों में यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है। हालांकि, क्रिप्टो आय के मामले में ऐसा संभव नहीं होगा।

अगर मैंने किसी को बिटकॉइन गिफ्ट किया है, तो क्या मुझे टैक्स देना होगा?

नहीं, वित्त मंत्री ने साफ किया है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्त को 1 बिटकॉइन गिफ्ट कर रहे हैं तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा।

कौन से लेनदेन पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगेगा?

अपने बजट भाषण के तुरंत बाद वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट किया कि होने वाले सभी क्रिप्टो लेनदेन पर 1 प्रतिशत कर कटौती होगी।

क्या टैक्स का मतलब है कि क्रिप्टो करेंसी को सरकार ने मान्यता दे दी?

नहीं, भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो को लेकर कोई कानून नहीं है। टैक्स लगाने का मतलब है कि यह क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार ऐसे में सभी लेनदेन की निगरानी कर सकती है। आसान शब्दों में, यह भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाता है।

क्या बिटकॉइन अब एक मुद्रा है?

नहीं। वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है।

क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर वित्त सचिव ने कही ये बात, क्रिप्टों निवेशकों के लिए जानना है बेहद जरूरी

दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है। किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है।

क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर वित्त सचिव ने कही ये बात, क्रिप्टों निवेशकों के लिए जानना है बेहद जरूरी

भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।

आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की घोषणा की थी। जिसके बाद बहुत से लोगों को लगने लगा कि, सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर कानून बनाकर इसे वैध कर देगी। लेकिन इस पूरे मामले पर वित्त सचिव टी वी सोमनाथ ने गुरुवार को साफ कर दिया कि, निजि डिजिटल करेंसी कभी भी कानूनी मुद्रा नहीं बनेगी। आइए जानते है पूरे मामले को।

क्रिप्टो करेंसी पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह संसद में पेश 2022-23 के बजट में क्रिप्टो करेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने की भी घोषणा की।

RBI का डिजिटल रुपया होगा वैध मुद्रा- सोमनाथन ने कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी। कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा। भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा। केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।’’

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पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन केवल यहां है वैध – दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है। किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है। देश में क्रिप्टो मुद्रा के लिये नियम बनाने को लेकर विचार-विमर्श जारी है। लेकिन अब तक कोई मसौदा जारी नहीं किया गया है।

इस बीच, केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा अगले वित्त वर्ष से परिचालन में आएगी। यह पूछे जाने पर कि संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो संपत्ति के नियमन को लेकर विधेयक लाने की बात संसद के कामकाज में शामिल थी लेकिन मौजूदा बजट सत्र में ऐसा नहीं है, सोमनाथन ने कहा, ‘‘यह महसूस किया गया कि क्रिप्टो पर कानून लाने से पहले इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है। इस विचार-विमर्श का मकसद इस बात पर गौर करना है कि क्या इसके लिये नियमन की जरूरत है।’’

वित्त सचिव ने कहा, ‘‘हमारी व्यवस्था लोकतांत्रिक है। लोकतंत्र में सरकार कुछ शुरू करती है लेकिन फिर प्रतिक्रिया होती है। सरकार उस प्रतिक्रिया को सुन रही है और उसके आधार अभी तक अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है…। इस बीच, चूंकि क्रिप्टो और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन लगातार बढ़ रहा था, अत: कर स्पष्टता की जरूरत थी।’’

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022

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क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022 ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा

क्रिप्टो की लगातार गिरती मार्केट से पूरे विश्व में डिजिटल एसेट्स को लेकर जहां क्रिप्टोकरंसी रखने वालों मेें भय का माहौल बना हुआ है, वहीं रूस ने क्रिप्टो के हक में नरमी बरतने का रूख दिखाया है। अब लोगों में चर्चा है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा?

क्या है क्रिप्टोकंरसी ?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और यह माइनिंग से उत्पन्न होती है। दुनिया में बिटकॉइन, इथर, डोजक्वाइन समेत कई क्रिप्टोकरंसी हैं। कुछ देश ही हैं जो कि क्रिप्टोकरंसी को लीगल मान रहे हैं। भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी को अवैध माना गया है.

पिछले दिनों भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीता रमण ने क्रिप्टोकरंसी के लेन-देन पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात अवश्य कही है परंतु लीगल बिल्कुल भी नहीं किया है। भारत की तरह विभिन्न देश क्रिप्टोकरंसी को वैध नहीं मान रहे हैं, ऐसे में क्या रूस क्रिप्टो को दर्जा देगा ?

क्या बोले हैं रूस के इंडस्ट्री मिनिस्टर डेनिस मन्तुरोव ?

जी, हां। रूस के रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov ने इशारा किया है कि वहां की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच इस मुद्दे पर मतभेद जल्द समाप्त हो सकते हैं

यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझे रूस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में क्या रूस क्रिप्टो को पेमेंट के विकल्प के तौर पर कानूनी दर्जा देगा? इस बात में कुछ लोग शंका भी जाहिर कर रहे हैं कि रूस में क्रिप्टोकरंसी को पेमेंट के एक जरिए के तौर पर कानूनी दर्जा दिया जाएगा।

रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov के अनुसार रूस सरकार और वहां के बड़े बैंक सेंट्रल बैंक के बीच इस मामले में मतभेद जल्द खत्म हो सकते हैं।

बताया जाता है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्रिप्टोकरंसी के मुद्दे पर कानून से जुड़े कई प्रस्ताव दिए थे, परंतु क्रिप्टोकरंसी प्रस्ताव सेंट्रल बैंक के क्रिप्टोकरंसी पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग के खिलाफ थे।

तभी तो लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या रूस क्रिप्टो को क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है कानूनी दर्जा देगा ?

क्या रूस अपना डिजिटल रूबल जारी करेगा ?

ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov ने क्रिप्टोकरंसी को पेमेंट के जरिए के तौर पर कानूनी दर्जा देने के बारे में पूछने पर कहा, ‘प्रश्न यह है कि ऐसा कब होगा और इसे कैसे रेगुलेट किया जाएगा। सरकार और सेंट्रल बैंक इस पर तेजी से काम कर रहे हैं, इसे लागू किया जाएगा’।

बताया जाता है कि रूस की सरकार अपना डिजिटल रूबल जारी चाहती है, उसनेे पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरंसी को समर्थन देना शुरू किया है। अब रूस के क्रिप्टोकरंसी को लेकर बोल बदल गए हैं, वरना इससे पहले रूस की सरकार यह कहती रही थी कि क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग में हो सकता है।

लोग अब सवाल तो करेंगे ही, क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या कहती हैं रूस के सेंट्रल बैंक की गर्वनर ?

आपको बता दें कि इससे पहले रूस के सेंट्रल बैंक की गवर्नर Elvira Nabiullina ने भी कहा था कि सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरंसी में इनवेस्टमेंट की अनुमति नहीं देगा। सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर पूरी तरह रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि रूस के लोग प्रति वर्ष लगभग 5 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस करते क्या क्रिप्टोकरेंसी कानुनी रुप से वैध है हैं। Denis Manturov ने अब नए सिरे से कहा है कि क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल से जुड़े रेगुलेशंस को सेंट्रल बैंक बनाएगा और इसके बाद सरकार की ओर से इन्हें स्वीकृति दी जाएगी। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

बोल क्यों बदल गए रूस के सेंट्रल बैंक के ?

याद होगा कि गत वर्ष सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसी ट्रांजैक्शंस बढऩे के कारण फाइनेंशियल सिस्टम के कमजोर होने की आशंका जताई थी। उस वक्त सेंट्रल बैंक के अधिकारियों का कहना था कि रूस के फाइनेंशियल मार्केट में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल होने की गुंजाइश न के बराबर है। ऐसे में लोगों का यह पूछना वाजिब है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

कौन-कौन से देश क्रिप्टोकरंसी के लिए बना रहे हैं कानून ? क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा

रूस के अलावा कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरंसी को लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका में हाल ही में इस सेगमेंट से जुड़ा एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी हुआ था। आपको पता होगा कि इसमें फेडरल रिजर्व से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की संभावना पर विचार करने के लिए भी कहा गया था। कमाल की बात तो यह है कि तकनीक के क्षेत्र में आगे कहे जाने वाले देश अमेरिका में पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरंसी से जुड़े फ्रॉड के मामले बढ़े हैं। इस वजह से रेगुलेटर्स से इस सेगमेंट की स्क्रूटनी को सख्त करने पर जोर दिया है। अब आपको क्या लगता है कि :- क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

किन देशों में लीगल है क्रिप्टोकरंसी ?

कुछ देशों में क्रिप्टोकरंसी की वैधता को लेकर बहस छिड़ी हुई है। आपको बता दें कि फिलीपिंस, वियतनाम, कनाडा, मध्य अमेरिका के देश अल-सल्वाडोर ने क्रिप्टोकरंसी को अपना लिया है। यही नहीं कुछ कंपनियों ने क्रिप्टोकरंसी को एक्सेप्ट करना आरंभ कर दिया है। इन कंपनियों में बंगलोर के इंदिरानगर और वाइटफील्ड एरिया में सूर्यवंशी रेस्टोरेंट, यूनोकॉइन, साफ्टवेयर की दुनिया का बादशाह कही जाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, एएमसी थियेटर तथा शॉपिफाई जैसी मल्टीनेशनल ई-कॉमर्स कंपनी शामिल हैं। ऐसे में रूस भी क्रिप्टोकरेंसी को वैध करार कर दे तो अतिश्योक्ति नहीं होगा, लेकिन फिर भी लोग जानने को उत्सुक हैं कि : –क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

भारत में क्या गाइडलाइंस हैं 2022 क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ?

आपको पता है कि भारत सरकार ने अभी तक cryptocurrency को लीगल नही किया है। फरवरी 2022 में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में भी इस करंसी के लेन-देन पर टैक्स लगाने की बात कही गई है। हालांकि टीवी और दूसरे चैनलों पर पिछले कुछ दिनों से cryptocurrency के काफी विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं, लेकिन अब भारत सरकार ने इन विज्ञापनों के प्रसारण के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश अथवा गाइडलाइंस तय कर दी हैं। इसमें बताया है कि भारत में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नई गाइडलाइन्स ?

Advertising standards council of India (ASCI) ने Crypto जैसी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों पर जो नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनसे भारत मे cryptocurrency के लेन-देन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी ? भारत जैसे कई देशों ने अभी तक डिजिटल एसेटस को वैधता नहीं दी है तो अब यूक्रेन के साथ युद्घ के हालातों में क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

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