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बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए?

बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए?

जेम्स फोस्टर स्टेटसन

जेम्स फोस्टर स्टेटसन एक बीमा ब्रोकर है एवं यह सेंट हेलेना, सीए 94574 में स्थित है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में 2684 बीमा दलाल में से एक है एवं इसका पता जेम्स फोस्टर स्टेटसन 1241 एडम्स सेंट, सेंट हेलेना, सीए 94574, संयुक्त राज्य अमेरिका है। जेम्स फोस्टर स्टेटसन की वेबसाइट http://familypost.estate/ है। जेम्स फोस्टर स्टेटसन को 17077919135 पर संपर्क किया जा सकता है। जेम्स फोस्टर स्टेटसन एक व्यस्त क्षेत्र में स्थित है, इसके आस-पास कम से कम 368 सूचीबद्ध स्थान हैं। Usa-Places.com.

जेम्स फोस्टर स्टेटसन के आसपास के कुछ स्थान हैं -

टोलर और नोवाक एलएलपी (वकील) 1407 मेन सेंट #103, सेंट हेलेना, सीए 94574, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 169 meters)

राफेल रियोस III का कानून कार्यालय। (कानून फर्म) १३६० रेलरोड एवेन्यू, सेंट हेलेना, सीए ९४५७४, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 261 meters)

कॉम्ब्स और डनलप एलएलपी (अचल संपत्ति वकील) १३१२ ओक एवेन्यू, सेंट हेलेना, सीए ९४५७४, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 188 meters)

मेबेयर लॉ ग्रुप (अचल संपत्ति वकील) 1236 स्प्रिंग सेंट, सेंट हेलेना, सीए 94574, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 342 meters)

कोब्लेन्ट्ज़ पैच डफी और बास एलएलपी (कानून फर्म) 1236 स्प्रिंग सेंट, सेंट हेलेना, सीए 94574, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 327 meters)

कैथी ज़ेलज़नी के कानून कार्यालय (कानून फर्म) १३१२ ओक एवेन्यू, सेंट हेलेना, सीए ९४५७४, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 188 meters)

अमेरिलॉ ग्रुप (आप्रवासन वकील) 1241 एडम्स सेंट #1026, सेंट हेलेना, सीए 94574, संयुक्त राज्य अमेरिका (बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? लगभग बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? 100 meters)

फेवरो लावेज़ो गिल कैरेटी (अटॉर्नी रेफरल सेवा) 1230 स्प्रिंग सेंट # जी, सेंट हेलेना, सीए 94574, संयुक्त राज्य अमेरिका (लगभग 320 meters)

जेम्स फोस्टर स्टेटसन के आधे किलोमीटर से भी कम के भीतर, ब्लॉक एंड डी विन्सेन्ज़ी एलएलपी, कैरल ए सोबज़ाक लॉ ऑफिस, ईसेनट्रॉट लॉ कॉर्पोरेशन, बेरीमैन और मोंटालबानो एक पेशेवर कानून निगम, ब्राउनेल गॉर्डन सो, गिल तोम, पापल लॉरेंस, टोलर फ्रैंक, हॉलैंड ए एल, मोंटगोमरी जी. फ्रेंकल, लॉ में अटार्नी, केसी क्रिस्टिन, कॉक्स बैरी, एलन के सेंट हेलेना, संघर्ष मध्यस्थता केंद्र, पहली अमेरिकी शीर्षक कंपनी, माननीय। पेट्रीसिया ए। ग्रे (सेवानिवृत्त) जद, PsyD, पिसेंटी और ब्रिंकर एलएलपी, प्रशांत संघ अंतर्राष्ट्रीय - नापा घाटी, सेंट हेलेना कार्यालय, , नाओमी ग्लास एवं और भी कई स्थान है।

प्राइवेट कार इंश्योरेंस

हम निम्नलिखित मामलों में प्राइवेट कारों के लिए मोटर इंश्योरेंस कवर प्रदान करते हैं:

  • व्यक्ति को चोट / मृत्यु या थर्ड पार्टी की संपत्ति को किसी भी तरह की क्षति के मामले में अनिवार्य थर्ड पार्टी लायबिलिटी।
  • इनसे आपकी कार को नुकसान या क्षति:
    • आग,
    • स्वतः आग
    • एक्सीडेंटल डैमेज
    • विस्फोट

    अपने वाहन को खुद चलाते समय, एक्सीडेंट से इंडिविजुअल ओनर्स के लिए 15 लाख रुपये तक का कवर। यात्रियों को प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपये तक का कवरेज भी प्राप्त हो सकता है ।

    सीएनजी / एलपीजी द्वि-ईंधन किट के लिए कवरेज

    इसमें क्या-क्या शामिल नहीं हैं
    • हम युद्ध, आक्रमण, विदेशी शत्रुओं द्वारा किए जाने वाले कार्य, दंगा, विद्रोह आदि से संबंधित घटनाओं के कारण होने वाली क्षति, चोरी या नुकसान के लिए कवरेज प्रदान नहीं करते हैं। किए जाने वाले किसी भी क्लेम को, इन स्थितियों में से किसी से संबंधित नहीं होना चाहिए।
    • वैध लाइसेन्स के बिना ड्राइव करना
    • ड्रग्स और शराब के प्रभाव में ड्राइव करना

    महत्वपूर्ण नोट: एक्सक्लूशनस की उपरोक्त सूची निर्देशी है और संपूर्ण नहीं है। एक्सक्लूशनस की पूरी सूची के लिए, कृपया पॉलिसी के शब्दांकन देखें।

    • प्राइवेट कार इंश्योरेंस पॉलिसी - पैकेज (UIN: IRDAN144RP0005V03201112)
    • बंडल प्राइवेट कार इंश्योरेंस पॉलिसी (UIN: RDAN144RP0006V02201819)
    • डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी पूरी तरह से निर्देशात्मक है, कवरेज और नियमों और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे नजदीकी ऑफिस से संपर्क करें और किसी भी खरीददारी से पहले पॉलिसी दस्तावेज और सेल्स ब्रोशर को ध्यान से पढ़ें।
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    SBI जनरल इंश्योरेंस ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के लिए एक भरोसेमंद इंश्योरेंस पार्टनर है, जो कई बार कठिन आर्थिक परिस्थितियों में आपको अपने पैरों पर वापस खड़े होने में मदद करता है।

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    SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड I कॉर्पोरेट व एएमपी; रजिस्टर्ड ऑफिस: 9वीं मंजिल, ए और बी विंग, फुलक्रम बिल्डिंग, सहार रोड, अंधेरी(ईस्ट), मुंबई - 400099 | किसी भी तरह की खरीददारी से पहले रिस्क फैक्टर्स नियम व शर्तें, के बारे में अधिक जानकारी के लिए स्लेस ब्रोशर और पॉलिसी वरडिंग्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें। ‘SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड आईआरडीएआई रजि. नंबर 144, दिनांक 15/12/2009 | सीआईएन: U66000MH2009PLC190546 | दिखाया जाने वाला SBI लोगो, भारतीय स्टेट बैंक का है जिसका इस्तेमाल SBI जनरल इंश्योरेंस द्वारा लाइसेन्स के तहत किया जाता है।

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    बदल गए क्रेडिट स्कोर से जुड़े नियम- खराब स्कोर के बाद अब नहीं लगा पाएंगे शेयर बाजार में पैसा

    CIBIL Score: नए नियमों का फायदा उन फिनटेक कंपनियों (Fintech Companies) को भी होगा जिनके पास NBFC लाइसेंस नहीं है. और कर्ज देने के लिए उन्होंने बैंकों के साथ करार किया हुआ है.

    बदल गए क्रेडिट स्कोर से जुड़े नियम- खराब स्कोर के बाद अब नहीं लगा पाएंगे शेयर बाजार में पैसा

    प्रवीण शर्मा | Edited By: अंकित त्यागी

    Updated on: Jan 08, 2022 | 6:23 AM

    आने वाले दिनों में अगर आपके खराब क्रेडिट स्कोर की वजह से कोई बीमा कंपनी (Insurance) आपको बीमा देने से मना कर दें या कोई स्टॉक ब्रोकर आपका डी-मैट अकाउंट न खोले तो आप चौकिंएगा मत…. क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की ओर से बदले गए नए नियमों के बाद कई कंपनियों को क्रेडिट ब्यूरो का डेटा एक्सेस करने की छूट दी गई है. नए नियमों का फायदा उन फिनटेक कंपनियों को भी होगा जिनके पास NBFC लाइसेंस नहीं है… और कर्ज देने के लिए उन्होंने बैंकों के साथ करार किया हुआ है…. अब ये कंपनियां क्रेडिट स्कोर (Credit Score) के आधार पर अच्छे ग्राहकों की पहचान कर उन्हें कर्ज दे सकेंगी. ये कंपनियां ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भी करार करके बाय नाउ पे लेटर जैसी और स्कीमों की पेशकश कर सकती है.फिनटेक कंपनियों बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? को ग्राहकों के क्रेडिट ब्यूरो या सिबिल स्कोर का एक्सेस मिलने से एक और लाभ हो सकता है… कर्ज लेकर इमानदारी से चुकाने वाले लोगों को कर्ज लेने के लिए कई सारे ऑप्शन मिल जाएंगे.

    कर्ज देने के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो अच्छा सिबिल स्कोर रखने वाले ग्राहकों को कई ऑफर भी मिल सकते हैं… या हो सकता है कर्ज ही सस्ता मिल जाए. फिनटेक कंपनियों को भी इस व्यवस्था का फायदा होगा… सिबिल स्कोर की सहायता से उन्हें कर्च जुकाने वाले इमानदार लोग मिलेंगे.

    नई व्यवस्था से फिनटेक कंपनियां आपका क्रेडिट स्कोर सिबिल जैसे क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो से हासिल कर पाएंगी.. यानी इनके पास आपके कर्ज और क्रेडिट स्कोर की पूरी जानकारी लेने की इजाजत होगी.. इसके लिए रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज रेगुलेशन 2006 में बदलाव किया है.. बड़ी बात ये भी है कि हालिया नोटिफिकेशन रिजर्व बैंक के दो साल पहले के रुख से बिलकुल उलट है…. 2 साल पहले आरबीआई ने कहा था कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन को सीधे तौर पर फिनटेक कंपनियों को साझा नहीं किया जा सकता है…. तब RBI ने कहा था कि बैंक फिनटेक फर्मों को एजेंट के तौर पर नियुक्त कर रहे हैं जो कि नियमों के खिलाफ है…

    यह भी संभावना है कि इससे धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगेगी. हालांकि इस बार रिजर्व बैंक ने फिनटेक कंपनियों के लिए कुछ शर्तें तय कर दी हैं…

    क्या होंगे नियम?

    रिजर्व बैंक ने भले ही फिनटेक कंपनियों को बड़ी छूट दी है, लेकिन उसने ये भी पुख्ता करने की कोशिश की है कि आम लोगों के हित सुरक्षित रहें. पहली बात तो ये है कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए कंपनी की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये से ज्यादा होनी चाहिए… तभी ये कंपनियां बैंक और दूसरी फाइनेंस कंपनियों को क्रेडिट इंफॉर्मेशन प्रोसेस करने में मदद दे पाएंगी….एक बड़ी शर्त ये भी रखी गई है कि इन फिनटेक के पास CISA यानी साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी से सर्टिफाइड ऑडिटर का सर्टिफिकेशन होना चाहिए जो ये बताता हो कि कंपनी के पास एक पुख्ता और सुरक्षित इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम है…यानी फिनटेक कंपनियों के पास जा रही एक आम शख्स बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? की जानकारियां पूरी तरह से सुरक्षित रहें इसका इंतजाम किया गया है.

    कितने हैं क्रेडिट ब्यूरो?

    फिलहाल देश में चार क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो काम कर रहे हैं…. ये हैं ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपीरियन और CRIF मार्क.

    आरबीआई का ये कदम ऐसे वक्त पर खासा अहम है जबकि डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के कामकाज के तौर-तरीकों को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं…रिजर्व बैंक की सख्ती के बाद कई ऐप्स को ब्लॉक भी किया गया है, हालांकि, आम लोगों को कर्ज चुकाने के नाम पर अभी भी परेशान किया जा रहा है… उम्मीद है कि रिजर्व बैंक भारत में इस सेक्टर के रेगुलेशंस को और मजबूत बनाएगा ताकि ग्राहकों के हित भी सुरक्षित रहें और ये सेक्टर भी ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर पाए… इससे धोखाधड़ी के मामलों पर भी लगाम लगेगी.

    एक घर खरीदना? इससे पहले कि आप डील को सील करने से पहले 7 चीजों की जांच करें

    ख़ूबसूरत घर खरीदना सबसे आसान काम नहीं है कुछ एकदम सही सौदे के लिए इंतजार करते हैं, जबकि कुछ लोग अपने घर का निर्माण या खरीदने के लिए पूरी तरह से जीवनभर खर्च कर सकते हैं, लेकिन यह अभी तक कभी नहीं पहुंच सकता है। निस्संदेह, यह आपके जीवनकाल में आपकी सबसे बड़ी वित्तीय खरीद में से एक है, इसलिए आप इसे पूरी तरह से जाना चाहेंगे, यह पहली बार या आखिरी हो।

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    सलाह जरूरी है! फाइनेंशियल एडवाइज के लिए RIAs से संपर्क करें

    financial advice: वित्तीय सलाह लेने के लिए RIA के पास जाना ही सही विकल्प है. सलाह को मानना, न मानना आप पर निर्भर है.

    • Aprajita Sharma
    • Publish Date - July 6, 2021 / 02:06 PM IST

    सलाह जरूरी है! फाइनेंशियल एडवाइज के लिए RIAs से संपर्क करें

    financial advice: कोविड-19 ने भारत की अर्थव्यवस्था को पिछले 15 महीनों से हिला कर रख दिया है. इसने हजारों लोगों का जीवन बर्बाद करने के साथ-साथ लाखों लोगों को गरीब के मुहाने पर पहुंचा दिया है. कोरोना की सुनामी ने बीते एक साल से ऐसी तबाही मचाई है, जो बीते चार दशकों में कभी नहीं देखी गई. इसका दूसरा पहलू यह है कि इसने लोगों के मन में वित्तीय असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है, यही वजह है निवेशक अपने पर्सनल फाइनेंस को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं.

    इंश्योरेंस और इनवेस्टमेंट अब जबरदस्ती परोसने वाले प्रोडक्ट नहीं रह गए हैं, बल्कि लोग खुद ही इनकी ओर खींचे चले आ रहे हैं. ज्यादातर लोगों को वाजिब वित्तीय सलाह के महत्व की समझ नहीं होती. वे अपने दोस्तों, सहकर्मियों, बैंक मैनेजरों या फिर बीमा एजेंटों या अपने सीए से सलाह ले लेते हैं. अधिकततर लोगों ने तो रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर (RIA), का नाम तक नहीं सुना होगा. बड़ी बात तो यह है कि सेबी में केवल 1300 रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर हैं.

    एक RIA फर्म, ORO Wealth के को-फाउंडर विनय कुप्पा का कहना है, “आरआईए का कॉन्सेप्ट नया है. लोगों को इनके बारे में पता नहीं होता, वे यहां तक नहीं जानते कि उन्हें इनकी जरूरत है. व्यवस्थित फाइनेंशियल प्लानिंग बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? करने वाले अधिकतर लोगों की आमदनी 15 से 20 लाख रुपए सालाना से शुरू होती है.”

    RIAs कौन होते हैं?

    RIA व्यक्तिगत फाइनेंशियल एडवाइजर या एडवाइजरी फर्म होते हैं, जो अपने ग्राहकों में फाइनेंशियल प्लानिंग की सलाह देते हैं. ये सभी सेबी में रजिस्टर्ड होते हैं. बैंक मैनेजर, बीमा, म्यूचुअल फंड या टैक्स सलाहकार या फिर स्टॉक ब्रोकर सलाह देने के लिए कानूनी रूप से अधिकृत नहीं होते, जबकि ये आरआईए को कानूनी मान्यता मिली हुई होती है.
    RIA का काम इनवेस्टमेंट के मामले में लोगों को सलाह देना है. वे प्रोडक्ट नहीं बेचते. अपनी सलाह के एवज में वे फीस लेते हैं. सलाह का एग्जिक्यूशन करना उन पर निर्भर नहीं करता, यदि वे ऐसा करते भी हैं तो वे जीरो कमीशन पर इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट बेचते हैं. उदाहरण के लिए, ORO Wealth निवेशकों, ऑफलाइन मध्यस्थों और कंपनियों को जीरो कमीशन पर प्रोडक्ट पेश करती है, वो भी निष्पक्ष सलाह के साथ.

    आपको RIA की जरूरत क्यों है?

    जब आप ऐसे लोगों के पास जाते जो इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट बेचते हैं, उनके सात हितों के टकराव की समस्या होती है, भले ही उनका इरादा गलत न हो. कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं जो महंगे प्रोडक्ट बेच देते हैं, भले ही वह आपके के लिए उपयुक्त हो या न हो, लेकिन इन्हें उस पर मोटा कमीशन मिल जाता है.
    सेबी ऐसे कारोबार के बिलकुल खिलाफ है. इस बारे में उसका कहना है कि प्रोडक्ट बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? डिस्ट्रीब्यूटर्स सलाह नहीं दे सकते, और RIA प्रोडक्ट नहीं बेच सकते. वित्तीय सलाह लेने के लिए RIA के पास जाना ही सही विकल्प है. सलाह को मानना, न मानना आप पर निर्भर है या फिर जीरो कमीशन प्रोडक्ट पर आप RIA की मदद ले सकते हैं.

    RIAs कितनी फीस लेते हैं?

    RIA की फीस थोड़ी अधिक होती है. कम सैलरी वालों के लिए यह किफायती नहीं होती. सेबी के गाइडलाइन के मुताबिक, फीस लेने के दो प्रकार होते हैं, पहला, असेट अंडर एडवाइज(AUA) और दूसरा फीक्स्ड फीस मोड. फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड बोर्ड के कंट्री हेड राजेश कृष्णामूर्ति बताते हैं, “AUA मोड पर अधिकतम फीस 2.5 फीसदी और प्रति क्लाइंट 1.25 लाख रुपए प्रति वर्ष होती है, हालांकि इनमें कुछ नियम व शर्तें भी शामिल होती हैं.”

    वह आगे कहते हैं, “ये एडवाइजर सलाह देने के लिए घंटे के हिसाब से भी फीस ले सकते हैं, और फाइनेंशियल प्लान तैयार करने के लिए अलग से फीस ले सकते हैं. किसी एक वर्ष में किसी क्लाइंट से कुछ कितनी फीस ली जा सकती है, यह सेबी के नियमों के अनुसार होती है, जो फिक्स्ड फी मोड के तहत आती है.”

    क्या RIA कम-सैलरी वाले ग्राहकों पर अपनी फीस कम कर सकते हैं? इस बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? बारे में नियम ऐसे हैं कि वे ऐसा नहीं कर सकते. कुप्पा कहते हैं, “फीस स्ट्रक्चर में छूट देने की जरूरत है. बहुत कम लोग फाइनेंशियल एडवाइज के महत्व को समझते हैं. मौजूदा स्ट्रक्टर से RIA को अपना बिजनेस बढ़ाने में दिक्कत हो रही है. दूसरी बात यह है कि व्यक्तिगत RIA 150 एक्टिव क्लाइंट मिलने बाद ही कॉरपोरेट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है. सेबी ने हायरिंग के लिए योग्यताओं के मानक भी बहुत ऊंचे रखें हैं, जिसको पूरा करने में लागत बढ़ती है. इन वजहों से RIA को बड़े ग्राहकों की तलाश करनी पड़ती है.”

    भले ही अभी RIA बहुतों के लिए किफायती न हों, लेकिन चीजें सही दिशा में आगे बढ़ बीमा ब्रोकर का नाम क्या होना चाहिए? रही हैं. कृष्णामूर्ति बताते हैं, “ सेबी से साथ इस बारे में चर्चा जारी है. जब तक फाइनेंशियल प्लानिंग से संबंधित नए नियम तैयार नहीं हो जाते, रेगुलेटर्स देश में एडवाइज गैप को कम करने की दिशा में काम करेंगे. मुझे लगता है कि फीस के प्रश्न पर हम आगे बढ़ रहे हैं.”
    इस बीच, वित्तीय समझ बढ़ाने की जरूरत है. बच्चों को स्कूल में ही पर्सनल फाइनेंस की शिक्षा देनी चाहिए. वह आगे कहते हैं, “ बच्चों को जानना चाहिए पैसा क्या है, और जब बात पर्सनल फाइनेंस की हो तो उन्हें पता होना चाहिए कि क्या करना है और क्या नहीं करना है. वेल्थ तैयार करने के लिए मैं उचित फाइनेंशियल प्लानिंग पर जोर देना चाहूंगा.”

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